भाग बेनी भाग एक लड़की के अधूरे सपनों के साकार करने की कहानी है। यह लड़की बेनी कोई और नहीं स्वरा भास्कर हैं जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए घर से भाग जाती हैं। इस 6 एपिसोड की सीरीज में स्वरा भास्कर एक मिडिल क्लास फैमली और उस समाज की सोच को दर्शाने की कोशिश करती हैं।
कहानी एक तीस साल की लड़की बिनी(स्वरा भास्कर) की है। बिनी एक बोरिंग सी नौकरी कर रही है। उसका एक बोरिंग सा ब्वॉय फ्रेंड भी है जो उस से शादी करके बच्चों के सपने देख रहा है। उसके माता पिता उसके तीन चार बच्चों के सपने देख रहे हैं। उसकी मां उसकी शादी के सपने देख रही है। बेनी लेकिन स्टेंडअप कॉमेडी के सपने देख रही है। उसे स्टेंडअप कॉमेडी पसंद है। वह बचपन से लोगों को हंसाना चाहती है। वह लोगों को हंसाने के सपने देख रही है।
बेनी के सपने उसकी आंखों के अंदर ही हैं कि एक स्टेंडअप कॉमेडियन(रवि पटेल) अचानक से उसकी ज़िंदगी में आ जाता है। वह उसके सहारे से फिर स्टेंडअप के बारे में सोचने लगती है। उसे किसी तरह से स्टेंडअप के मंच पर जगह मिलती है लेकिन उसी दिन उसका रोका होने वाला है। वह फैंसला नहीं कर पा रही है कि उसे शादी करनी चाहिए कि स्टेंडअप करनी चाहिए।
बिनी अपनी मंगनी के प्रोग्राम में फैसला करती है कि वो शादी नहीं बल्कि कॉमेडी करेगी। बेनी अपने रोके से भाग जाती है। उसके इस कदम से सब कुछ ख़त्म हो जाता है। उसका बॉस उसे नौकरी से निकाल देता है। उसका ब्वॉय फ्रेंड उस से रिश्ता तोड़ लेता है। उसके मां बाप उस से रिश्ता तोड़ लेते हैं।
बेनी जैसे ही अपनी ज़िंदगी का फैंसला खुद करती है। सब उसका साथ छोड़ देते हैं। बेनी अकेली रह जाती है। यहीं से बेनी की कहानी शुरू होती है। बेनी अकेले रहकर लगातार मेहनत करती है। वह अपनी मेहनत से क्या कॉमेडियन बन जायेगी या फिर घर वापस लोट जायेगी?
स्टेंडअप कॉमेडी के पीछे
भारत में टी.वी सीरीज आने के बाद कंटेट में बहुत कुछ बदलाव हो रहे हैं। स्टेंडअप कॉमेडी को लेकर इंडिया में बहुत ही नई चीजें हो रही हैं। इस सीरीज से कुछ ही दिन पहले स्टेंडअप कॉमेडी को लेकर वीर दास की एक सीरीज हंसमुख आयी थी। हंसमुख और भाग बेनी भाग को अगर देखा जाये तो दोनों का कंटेंट बहुत मिलता जुलता है। इन दोनों ही सीरीज में स्टेंडअप कॉमेडी की दुनिया और उसके पीछे का सच सामने आता है। यह बात अलग है कि स्टेंडअप कॉमेडी के नाम पर हंसाने में भाग बेनी भाग थोड़ा हंसमुख से ज़्यादा सफल रही है।
भाग बेनी भाग एक स्टेंडअप कॉमेडियन की ही बात नहीं करती है। वह एक लड़की और लड़के के सपनों के बीच फांसले को भी दिखाती है। एक मिडिल क्लास लड़की पर शादी और ब्याह का कितना प्रेशर होता है। उसके मां बाप उसकी गोद में बच्चे के सिवा कुछ नहीं देखना चाहते हैं। उसका ब्वॉय फ्रेंड या पति उसको बिस्तर के अलावा और कहीं नहीं देखना चाहता है। उसके पड़ोसी उसे दुल्हन के रूप में विदा करना चाहते हैं। भाग बेनी भाग उस लड़की की कहानी है जो इन सब से बगावत करके अपने सपने खुद ही पूरे करने के लिए निकल पड़ती है।
निर्देशक ने भाग बेनी भाग में थोड़ा सा संस्कारों का तड़का भी लगाने की कोशिश की है। समाज के बहुत सारे पाखंडों पर तंज़ कसने का भी काम किया है। दोस्ती और प्रेम के बीच में खड़ी एक लड़की को क्या चुनना चाहिए। उसको भी दिखाने की कोशिश की गई है। कहानी में प्रेम का तड़का भी है जो बीच-बीच में रोमांटिक करता रहता है।
एक्टिंग और एडीटिंग
स्वरा भास्कर की एक्टिंग ना बहुत ही ज़्यादा अच्छी थी और ना बहुत ही ज़्यादा कमजोर थी। स्वरा भास्कर कहीं एक्टिंग के सिखर पर दिखती हैं तो कहीं जमीन पर नज़र आती है। इसका कारण सीरीज के तीन निर्देशक हैं जिन्होंने सीरीज को निर्देशित किया है। स्वरा के स्टेंडअप कॉमेडी वाले सीन देखकर हंसने का मन करता है। कहीं जॉक बहुत ही सपाट हो जाते हैं।
बेनी के परिवार में उसकी मां का किरदार निभाने वाली मोना अम्बेगांवकर एक मिडिल क्लास मां बनने की पूरी कोशिश करती हैं। उनके मुकाबले पिता के किरदार में गिरीश कुलकर्णी अपनी एक्टिंग से फिर भी माहौल बनाये रखते हैं। उनका तजुर्बा उनकी एक्टिंग में दिखाई देता है। बेनी के मंगेतर के किरदार में वरूण ठाकुर भी ठीक-ठाक ही लगे हैं। आखिर के दो एपिसोड में उनकी एक्टिंग भी सही रही है। बेनी के दोस्त के किरदार में रवि ने अच्छी एक्टिंग तो की है लेकिन बहुत बार वो दर्शक को पीछे छोड़ जाते हैं।
भाग बेनी भाग की सिनेमाटोग्राफी तो उतनी खास नहीं थी लेकिन एडिटिंग काफी अच्छी थी। कई जगह सीन को अच्छे से जोड़ा गया है जिस से सीरीज का बहुत सा समय भी बच जाता है और सीन भी सुंदर दिखने लगता है।
देखें ना देखें?
भाग बेनी भाग नये ज़माने की सोच को दर्शाने का काम करती है जिस सोच को कुछ लोग बोल्ड भी कहते हैं। सीरीज भावनाओं को कुरेदती है तो कभी-कभी इमोशनल भी हो जाती है। एक मिडिल क्लास फैमली और समाज की सोच को भी दर्शाती है। इस सीरीज के सिर्फ 6 एपिसोड हैं जिनकी समय सीमा भी 25-30 मिनट है। इस लिहाज से सीरीज बहुत ज़्यादा बोर होने का मौका नहीं देती है। स्टेंडअप कॉमेडी का तड़का भी सीरीज में जगह-जगह पर मिलता है जो आपको हंसायेगा भी।